ना
नथ, ना झुमका, ना
ये हार
बस
प्यार ही है मेरा
श्रृंगार I
इन
गहनों का ना है
कुछ मोल
पिया
तेरा प्यार है अनमोल I
ये
साज़ ये श्रृंगार ये
जोड़ा पहन
आज
बनी हूँ तेरी दुल्हन I
ये
झुकी नज़र नहीं है समर्पण
खुद
को तुम्हें करती हूँ अर्पण I
की
संग रहें साथ चलें, करें एक दूजे का
सम्मान
परछाईं
नहीं अर्धांगनी हूँ, रहे सदा ये ध्यान I